राजेश बिस्सा की कवितायें - :


Monday, March 2, 2009

आगे बढ़ो

आगे बढ़ो
जीवन का पथ
नहीं सरल
पर इतना भी
नहीं गरल
जो सोच लिया
बस ठान लो
कामों को
अंजाम दो...
डरो मत लडो
बढ़ना जरूरी
खुशियाँ चल
आएँगी पास
नव प्रभात
होगा जीवन में
कर तमस का
समूल नाश ॰॰॰॰
राजेश बिस्सा

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